The Basic Principles Of Shiv chaisa
The Basic Principles Of Shiv chaisa
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. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
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स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
O Lord, whenever the Deities humbly sought your support, you kindly and graciously uprooted all their Issues. You blessed the Deities with your generous aid when Shiv chaisa the Demon Tarak outraged them and also you destroyed him.
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
O Lord, the beloved daughter of Maina in your left adds on your splendid visual appearance. O Wearer with the lion's pores and skin, the trishul Shiv chaisa inside your hand destroys all enemies.
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥